वयं राष्ट्रे जागृयाम पुरोहिताः
जब धर्म संकट में होता है, तब संकल्पों से संगठित होती है चेतना; और जब समाज दिशाहीन हो जाता है, तब सेवा बनती है शक्ति।

“जब धर्म संकट में होता है, तब संकल्पों से संगठित होती है चेतना; और जब समाज दिशाहीन हो जाता है, तब सेवा बनती है शक्ति।”
राष्ट्रीय सेवा संघ भारतवर्ष राष्ट्रीय सेवा संघ भारतवर्ष कोई साधारण संगठन नहीं, बल्कि भारत की सनातन आत्मा का जीवंत रूप है। यह उन करोड़ों सनातनी भारतवासियों की आकांक्षाओं, पीड़ा और संकल्प का परिणाम है जो धर्म, संस्कृति और राष्ट्र की रक्षा के लिए आज भी तन-मन-धन से सक्रिय हैं। राष्ट्रीय सेवा संघ भारतवर्ष एक वैदिक सनातन धर्म पर आधारित राष्ट्रीय, धार्मिक एवं सांस्कृतिक संगठन है, जिसकी स्थापना भारतवर्ष के संत-महात्माओं एवं धर्मगुरुओं के आशीर्वाद से की गई। इस संघ की नींव उस पवित्र उद्देश्य के साथ रखी गई है, जिसमें भारत की सनातन परंपरा, सांस्कृतिक मूल्यों, और वैदिक जीवन पद्धति की पुनर्स्थापना को केंद्र में रखा गया है।
राष्ट्रीय सेवा संघ का प्रत्येक धर्म रक्षक, वेद और उपनिषदों में निहित सनातन सत्य को आत्मसात कर, भारतवर्ष की एकता, अखंडता और सांस्कृतिक गरिमा की रक्षा हेतु पूर्ण समर्पण भाव से सेवा कार्य में संलग्न है।
हम कौन हैं? (Who We Are)
स्थापना: 28 फरवरी 2024 (विक्रमी संवत 2081) को संत-महात्माओं एवं धर्मगुरुओं के आशीर्वाद से।
मूल उद्देश्य: भारत की सनातन परंपरा, सांस्कृतिक मूल्यों, और वैदिक जीवन पद्धति की पुनर्स्थापना।
हमारा विश्वास: पूर्वजों का संघर्ष, वर्तमान पीढ़ी का धर्माधिकार, और भावी पीढ़ियों का भविष्य—तभी सुरक्षित हैं जब भारतवर्ष एक वैदिक, अखंड एवं आत्मनिर्भर राष्ट्र के रूप में जाग्रत हो।
हमारा समर्पण: हमारा प्रत्येक धर्म रक्षक, वेद और उपनिषदों में निहित सनातन सत्य को आत्मसात कर, भारतवर्ष की एकता, अखंडता और सांस्कृतिक गरिमा की रक्षा हेतु पूर्ण समर्पण भाव से सेवा कार्य में संलग्न है।
"हम वे हैं जो भारत को केवल भौगोलिक सीमाओं वाला राष्ट्र नहीं, बल्कि 'ऋषियों की तपोभूमि' और विश्व को मार्गदर्शन देने वाली शक्ति मानते हैं।"
हम क्यों अलग हैं? (Why We're Different)
मूल मंत्र:"न जाति, न वर्ग — केवल सनातन धर्म"।
हमारा केंद्र:हर वह व्यक्ति महत्वपूर्ण है जो सनातनी हिंदू, समर्पित और देशभक्त है।
हमारा लक्ष्य:हर सनातनी अपने अंदर के भक्त, सेवक, धर्म रक्षक और साधक को पहचाने—और राष्ट्र निर्माण की इस तपस्या में सहभागी बने।
"हम संघर्षों से सीखे हैं, सेवा को जीवन बनाया है, और सनातन के लिए समर्पण को अपना धर्म।"

धार्मिक आस्था और मंदिर सेवा
हमारे संगठन के सदस्य नियमित रूप से मंदिरों में जाकर प्रार्थना और सेवा करते हैं। यह हमारी आध्यात्मिक शक्ति का स्रोत है।
मंदिर केवल पूजा स्थल नहीं, बल्कि हमारी संस्कृति और परंपरा के संरक्षण का केंद्र हैं। हम मंदिरों की सुरक्षा और संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध हैं।
हमारा आह्वान और संकल्प (Our Call & Commitment)
हमारा आह्वान है कि हर हिंदू संगठित हो, अपनी संस्कृति को शक्ति बनाए, और सेवा को संकल्प।
"न दैन्यं न पलायनम्"
(न दीनता, न पलायन)
हम न कभी झुकेंगे, न भागेंगे। हम सनातन धर्म की रक्षा, भारत की एकता और समाज की सेवा हेतु हर परिस्थिति में अडिग, अचल, और पूर्ण निष्ठा के साथ खड़े रहेंगे।
हमारा अस्तित्व क्यों है? (Why We Exist)
ताकि हर सनातनी की आवाज़ बुलंद हो।
ताकि हर बेटी सुरक्षित हो।
ताकि भारत न केवल विकासशील, बल्कि वैदिक और विश्वगुरु बने।
हम उस अंधकार के विरुद्ध हैं जो धर्म को क्षीण कर रहा है। हम उस अन्याय के विरुद्ध हैं जो बहनों और मंदिरों पर हो रहा है। हम उस विस्मृति के विरुद्ध हैं जो हमें हमारी संस्कृति और गुरुकुलों से दूर ले जा रही है।
हमारा लक्ष्य , मुख्य बिंदु (Our Goal Main Points)
राष्ट्रीय सेवा संघ की सेवा और राष्ट्रवाद की भावना को दर्शाते हुए, हमारे मुख्य उद्देश्य निम्नलिखित हैं।
राष्ट्रधर्म एवं सांस्कृतिक संरक्षण
सनातन राष्ट्र की स्थापना: भारतवर्ष को संगठित कर जातिवाद रहित एक सनातन वैदिक हिन्दू राष्ट्र के रूप में स्थापित करना।
धार्मिक शुद्धता: गौमाता एवं मठ-मंदिरों की रक्षा एवं धार्मिक शुद्धता हेतु आवश्यक कार्य करना।
धार्मिक शिक्षा: धार्मिक शिक्षा के प्रसार हेतु गुरुकुल एवं अन्य संस्थानों की स्थापना करना।
सांस्कृतिक विरासत: सभी राज्यों की क्षेत्रीय संस्कृति, भाषा एवं परंपराओं के संरक्षण हेतु कार्य करना।
सामाजिक जुड़ाव: धार्मिक अनुष्ठान, भंडारा आदि के माध्यम से समाज को धर्म से जोड़ना एवं सहयोग हेतु प्रेरित करना।
सुरक्षा, न्याय एवं विधिक कार्यवाही
बहन-बेटियों की सुरक्षा: सुरक्षा एवं जागरूकता हेतु हेल्पलाइन के माध्यम से त्वरित सहायता प्रदान करना।
अवैध कृत्यों के विरुद्ध: लव जिहाद एवं लैंड जिहाद जैसे गैरकानूनी कृत्यों के विरुद्ध सामाजिक व विधिक स्तर पर कार्यवाही करना।
अतिक्रमण नियंत्रण: अवैध भूमि अतिक्रमण को चिन्हित कर विधिक प्रक्रिया से हटवाना।
अवैध घुसपैठ: रोहिंग्या एवं अन्य अवैध घुसपैठियों की रोकथाम हेतु जनजागरूकता अभियान चलाना।
भ्रष्टाचार नियंत्रण: नशा, अपराध व भ्रष्टाचार की रोकथाम हेतु जनजागरूकता अभियान चलाना।
सामाजिक समरसता एवं सेवा कार्य
हिंदू एकता: हिंदू समाज में एकता व समरसता हेतु विविध सामाजिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन करना।
सेवा एवं सहायता: अनाथ एवं असहाय बच्चों की शिक्षा एवं जीवनयापन हेतु सेवा कार्य करना।
कल्याण कार्य: निर्धन एवं निराश्रित कन्याओं के दहेजमुक्त विवाह को प्रोत्साहित करना एवं सहायता प्रदान करना।
तत्काल सहायता: असहाय व्यक्तियों को यथासंभव तत्काल सहायता प्रदान करना।
सामूहिक मंच: सभी हिंदूवादी संगठनों को एक मंच पर लाकर जनहितकारी योजनाओं का सामूहिक संचालन करना।
स्वास्थ्य, शिक्षा एवं आर्थिक उत्थान
सुधार हेतु संघर्ष: शिक्षा, स्वास्थ्य एवं रोजगार के क्षेत्र में सुधार हेतु संघर्ष करना एवं सुझाव प्रस्तुत करना।
बच्चों की शिक्षा सामग्री: निर्धन एवं निराश्रित बच्चों हेतु शिक्षा सामग्री की उपलब्धता सुनिश्चित करना।
चिकित्सा एवं रक्त दान: आमजन के लिए रक्तदान शिविर एवं निःशुल्क चिकित्सा शिविरों का आयोजन करना।
व्यापारिक अधिकार: अवैध फेरी एवं व्यापार पर नियंत्रण कर स्थानीय व्यापारियों के अधिकारों की रक्षा करना।
युवा, पर्यावरण एवं आपदा प्रबंधन
युवा मार्गदर्शन: युवाओं के सुरक्षित भविष्य हेतु रणनीति निर्माण एवं मार्गदर्शन हेतु अभियान चलाना।
आपदा प्रबंधन: आपदा व आपातकाल की स्थिति में राहत एवं जनसेवा कार्य करना।
पर्यावरण संरक्षण: वृक्षारोपण कार्यक्रमों का आयोजन करना।
स्वच्छता: स्वच्छता अभियान के माध्यम से जन-जागरूकता एवं सामाजिक सहभागिता को बढ़ाना
आपका कर्तव्य हमारे साथ (Your Role With Us)
यदि आपका हृदय भी राष्ट्र की पीड़ा से द्रवित है और आप चाहते हैं कि आने वाली पीढ़ियाँ संस्कृति, गौरव और धर्म की छाया में पले-बढ़ें, तो आप चुप नहीं रह सकते।
आप जैसे जाग्रत भारतवासी ही इस राष्ट्रधर्म की अंतिम आशा हैं।
"तो आइए, राष्ट्रीय सेवा संघ भारतवर्ष से जुड़िए।"
"अब समय केवल देखने का नहीं, कुछ करने का है।"
सेवा करें, संगठित हों, सहयोग दें—क्योंकि "यह केवल संगठन नहीं, सनातन की संकल्पशक्ति है।"
"सेवा ही धर्म है, सेवा ही शक्ति है, सेवा ही सनातन का सार है!"